टॉफी
टाफी बोली मैं हूं रानी,
करूंगी हरदम मैं मनमानी।
मुझे देख सब ललचाते हैं,
बच्चे चाव से मुझे खाते हैं।
खाकर दांत को जो करे ना साफ,
नहीं करते कीटाणु उनको माफ।
बच्चों खाओ मुझे ना ज्यादा,
स्वस्थ रहोगे ये मेरा है वादा ।
सतरंगी टिफिन
अम्मी बनाती है रोज खाना,
इसमें होते हैं व्यंजन नाना।
सतरंगी हो मेरा डिब्बा,
रोज कहते हैं मेरे अब्बा।
हरी सब्जी ,टमाटर लाल,
पीला पीला पपीता,आम।
लाल अनार हो सेब लाल,
मीठे केले का छिलका निकाल।
मीठा गन्ना खा ले बन्ना,
कहते नानी मेरे नाना।
खा कर गाल जब होंगें लाल,
दादी कहेगी मुझे बाल गोपाल।
आक्सीजोन
पीपल,बरगद,नीम महान,
आक्सीजन का बनाते जोन।
इनसे बनता है आक्सीजोन,
जानता नही बताओ कौन।
तालाबों ,नदियों के सारे तट,
वृक्षों से जब जायेंगें पट।
ताजी हवा बहेगी सट,
आक्सीजन ले पायेंगे झट।
प्रयास आखिर करेगा कौन?
पूछे सवाल वृक्ष होकर मौन।
बरगद,पीपल कहते हैं सुन।
आक्सीजोन को लो अब चुन।
तितली रानी
तितली रानी-तितली रानी,
करती हो हरदम मनमानी ।
रंग फूलों से तुम लेती हो,
पराग से मधुरस सेती हो।
करती हो रोज बगिया की सैर ,
नहीं किसी से रखती हो बैर ।
मेरे घर भी तुम जरुर आना,
मीठा गीत सुना कर जाना।
