“रोटी” प्रेरणादायक सामूहिक गीत

#रोटी#

जब तक रोटी के प्रश्नों पर ,
रखा रहेगा भारी पत्थर ,
(जब तक रोटी के प्रश्नों पर,रखा रहेगा भारी पत्थर)
जब तक रोटी के प्रश्नों पर ,
रखा रहेगा भारी पत्थर ,
(जब तक रोटी के प्रश्नों पर,रखा रहेगा भारी पत्थर)
कोई मत ख्वाब सजाना तुम

मेरी गली में, खुशी खोजते अगर कभी जो आना तुम।।
( मेरी गली में, खुशी खोजते अगर कभी जो आना तुम )

धानों की बालियों में टपका हुआ पसीना ,
( धानों की बालियों में टपका हुआ पसीना )
सोचो तो इसकी बूंदे , मोती है या नगीना ,
( सोचो तो इसकी बूंदे मोती है या नगीना )
भूखे रधिया और बिशेसर,
जिनका लहू गिरा धरती पर ,
(भूखे रधिया और बिशेसर जिनका लहू गिरा धरती पर )
मेहंदी नहीं लगाना तुम ,
मेरी गली में खुशी खोजते ,अगर कभी जो आना तुम ।।
( मेरी गली में खुशी खोजते, अगर कभी जो आना तुम )

चंदा के बदले हमको ,
रातें मिली है काली ,
( चंदा के बदले हमको ,रातें मिली है काली )
है इस तरफ अंधेरा और उस तरफ दिवाली
( है इस तरफ अंधेरा और उस तरफ दिवाली)
जब तक सूरज नहीं उगा ले ,
चंदा को ना वापस पा ले ,
(जब तक सूरज नहीं उगा ले ,चंदा को ना वापस पा ले )
टिकली नहीं लगाना तुम ,
मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम ।।
( मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम )

हाथों को काट ले हम ,
ऐसी भी क्या जवानी ,
( हाथों को काट ले हम,ऐसी भी क्या जवानी)
मोहताज होना जाए आकाश जैसा दानी ,
( मोहताज होना जाए आकाश जैसा दानी )
जब तक आंसू यहां मचलते ,
अंगारों में हम नहीं चलते ,
( जब तक आंसू यहां मचलते ,अंगारों में हम नहीं चलते )
काजल नहीं लगाना तुम ,
मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम ।।
( मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम )

इतिहास बेड़ियों में जकड़ा अभी हुआ है ,
( इतिहास बेड़ियों में जकड़ा अभी हुआ है )
पिंजरे में जिंदगी का बंदी हुआ सुआ है ,
( पिंजरे में जिंदगी का बंदी हुआ सुआ है )
जब तक ना यह बंदी छूटे और बेड़िया अभी ना टूटे ,
( जब तक ना यह बंदी छूटे और बेड़िया अभी ना टूटे )
पायल नहीं बजाना तुम ,
मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम ।।
( मेरी गली में खुशी खोजते , अगर कभी जो आना तुम )

जब तक रोटी के प्रश्नों पर ,
रखा रहेगा भारी पत्थर ,
कोई मत ख्वाब सजाना तुम ,
मेरी गली में खुशी खोजते ,अगर कभी जो आना तू ।।
( मेरी गली में खुशी खोजते ,अगर कभी जो आना तू )

रचनाकार :- अज्ञात

बच्चों के बालगीत संग्रह

टॉफी

टाफी बोली मैं हूं रानी,
करूंगी हरदम मैं मनमानी।
मुझे देख सब ललचाते हैं,
बच्चे चाव से मुझे खाते हैं।
खाकर दांत को जो करे ना साफ,
नहीं करते कीटाणु उनको माफ।
बच्चों खाओ मुझे ना ज्यादा,
स्वस्थ रहोगे ये मेरा है वादा ।


सतरंगी टिफिन

अम्मी बनाती है रोज खाना,
इसमें होते हैं व्यंजन नाना।
सतरंगी हो मेरा डिब्बा,
रोज कहते हैं मेरे अब्बा।
हरी सब्जी ,टमाटर लाल,
पीला पीला पपीता,आम।
लाल अनार हो सेब लाल,
मीठे केले का छिलका निकाल।
मीठा गन्ना खा ले बन्ना,
कहते नानी मेरे नाना।
खा कर गाल जब होंगें लाल,
दादी कहेगी मुझे बाल गोपाल।

आक्सीजोन

पीपल,बरगद,नीम महान,
आक्सीजन का बनाते जोन।
इनसे बनता है आक्सीजोन,
जानता नही बताओ कौन।
तालाबों ,नदियों के सारे तट,
वृक्षों से जब जायेंगें पट।
ताजी हवा बहेगी सट,
आक्सीजन ले पायेंगे झट।
प्रयास आखिर करेगा कौन?
पूछे सवाल वृक्ष होकर मौन।
बरगद,पीपल कहते हैं सुन।
आक्सीजोन को लो अब चुन।

तितली रानी

तितली रानी-तितली रानी,
करती हो हरदम मनमानी ।
रंग फूलों से तुम लेती हो,
पराग से मधुरस सेती हो।
करती हो रोज बगिया की सैर ,
नहीं किसी से रखती हो बैर ।
मेरे घर भी तुम जरुर आना,
मीठा गीत सुना कर जाना।