———–———-
संकट भारी
कोरोना महामारी
करो तयारी
शत्रु अदृश्य
है बाहर फिरते
शिकारी बन
मंडरा रहा
पग पग ख़तरा
हो सावधान
कर्मवीर वे
लड़ते दिन रात
घर को त्याग
पहरेदार
सुनी सड़क पर
वे अनिकेत
पुलिस बल
मुस्तैद अटल
दिवार बन
दे सहयोग
रहे अंदर भीत
निश्चय जीत
देवदूत से
चिकित्सक तैयार
न करो वार
फैला कोरोना
खुल गया है राज़
पत्थर बाज
शहर द्वार
टपकते है लार
बाद संस्कार
थर्राया जग
मचा है हाहाकार
विष की मार
कोरोना काल
परमाणु की शक्ति
हुए निढाल
बना रहस्य
प्रकृति की सजा या
कृत्रिम रजा
चीन के मॉल
कौन खरीददार
बंद बाजार
आर्थिक वार
कोरोना का कहर
डूबा बाज़ार
सब बेकार
विध्वंसक औजार
हुए लाचार
हुए बीमार
मिला न उपचार
सारा संसार
लगे जांचने
सब विज्ञान धर्म
अज्ञात मर्म
खें पतवार
देश के कर्णधार
ले जाएं पार
संकल्प शक्ति
होंगे ही कामयाब
मिटे सैलाब
