1.मोम की तरह पिघलती है जिंदगी
गमों की आग में जलती है जिंदगी
ठोकर लगे तो कभी गम ना करना
ठोकर लग कर संभलती है जिंदगी ।
2.पत्थर का दिल कभी मोम तो होगा
मेरे प्यार पर कभी तो ऐतबार होगा
तेरी नजरें ढूंढेंगी मुझे उस दिन
जब सज कर मेरा जनाजा तैयार होगा ।
3.दीवाने हैं तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कह दे हमें आपसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी अदाओं का
हम अकेले ही तो आपके गुनहगार नहीं ।
4.सादर स्वागत आपका प्रेम स्नेह अनुराग
प्रियवर मंच विराजिये धन्य हमारे भाग ।
5.स्नेह से ही स्नेह मिलता है ,मान से मिलता मान
आदर पूर्वक मंच पर पधारिए , ओ श्रीमान-ओ श्रीमान ।
6.आपके आगमन से मन सुमन हमारा खिल गया
कष्ट हुआ आपको लेकिन गौरव हमारा बढ़ गया ।
7.यारों जिंदगी में खूब कमाए ,क्या हीरा क्या मोती
पर हकीकत है यही ,यारों कफन में जेब नहीं होती ।
8.आपके जिंदगी में कभी कोई गम ना हो
आपकी आंखें कभी नम ना हो
आपको मिले दुनिया की हर खुशी
भले ही उस खुशी में हम हो ना हो ।
9.शरारत ना होती शिकायत ना होती
नैनों में किसी की नजाकत ना होती
ना होती बेकरारी ना होते तुम तन्हा
जो जहां में कमबख्त यह मोहब्बत ना होती ।
10.अकेले तुम भी थे अकेले हम भी थे
मिले जो दोनों तो सजी है यह महफिल
दोस्ती का दामन यूं ही थामें रखना
मुसाफिर तुम भी हो मुसाफिर हम भी ।
11.गम मुझे भी है गम तुझे भी है
डूबी है गमों में सारी दुनिया
जिंदगी गुजर रही है यूहीं दरबदर
दो पल खुशियों की तलाश में ।
12 हादसों के शहर में दिल हादसों से डरता है
मिट्टी का खिलौना फना होने से डरता है
मेरे दिल के किसी कोने में एक मासूम सा बच्चा
बड़ों को देखकर बड़ा होने से डरता है ।