राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभकामनाएं….
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खेल दिवस के दिन बच्चों को
हॉकी का दिखलाया डंडा
क्या है कैसे खेले गुरुवर
समझ न आया उनको फंडा
कौन ध्यानचन्द औऱ सरदारा
टी वी पर तो कभी न आया
धोनी,कोहली सचिन कपिल
सा कोई न हॉकी का दिख पाया
गली मोहल्ले से नगरों तक
जब बल्ले,गेंद की धूम मची
तभी बताओ गुरुजी तुम
हॉकी राष्ट्रीय खेल कैसी
सच मे प्रश्न सटीक पाकर
मैं डूब गया हूं चिंतन में
राष्ट्र का प्रतीक हॉकी ही
क्यों गुमनाम सा है
अपने वतन में…

Very good