व्यस्त जीवन में न जाना,
उसका निजी तनाव ।
लॉकडाउन से मिले समय में,
उसके साथ गुजारे पल,
तब जाना बेचैनी का हाल।
मां की चिंता से थी ग्रस्त,
मां को संग रखने की इच्छा,
कहने में वो सकुचाए,
दुखित हो रही बारंबार।

वादा खुश रखने का,
हमने जो उससे किया है,
उसे निभाना पड़ेगा ।
यही सोचकर मन में,
एक सवाल आया,
उसकी मां भी मेरी मां जैसी,
साथ रखने का मन में,
सुंदर ख्याल आया।
देर न कर घर बुला लाया,
उन्हें देख संगिनी भर लाई,
अंखियों में मोती जैसे आंसू।
मन ही मन प्यार के,
मेरे प्रति भाव उमड़ने लगे,
मेरी हर खुशी के ख्वाब,
उसके मन में पलने लगे
मेरी हर खुशी के ख्वाब,
उसके मन में पलने लगे।
कभी तो पास बैठिए जनाब,
लीजिए उनके दुख सुख का हिसाब,
इससे ज्यादा मै क्या कहूं,
जीवन साथी होता लाजवाब।
